वो ङगर, जहाँ न हो कोई अगर मगर मुझे बताओ वो सफ़र ,जहाँ न हो किसी दरिन्दें का डर महफूस हूँ में, मुझे वो घर, मोहल्ला वो गली बता दो अब नहीं सहा जाता मुझे मेरी आज़ादी की कीमत बता दो अब नहीं सहा जाता .... बन काली संहार करू,रक्त से केश को लाल करू, अब सिर्फ प्रतिकार है ......। Dr.Vishal Singh वात्सल्य #लड़की #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi