करती हर दिशा में ध्वनि उसकी चीत्कार, है उसकी रगों में अब तेज उबाल, अब उसकी आंखें हो गई तेज और लाल, कि अब वो भरकर जोरदार हुंकार, मुझे अब सिर्फ तुमसे सम्मान चाहिए, क्या मेरा जन्म लेना है पाप, या मेरा लड़की होना है एक अभिशाप, है मुझमें भी जान आखिर मैं भी हूँ इंसान, न मैं किसी के मनोरंजन की समान, और मेरे भी हैं कुछ प्यारे से अरमान, कि मुझे अब सिर्फ तुमसे सम्मान चाहिए, माना कि मुझे बहन नहीं बना सकते, क्या मुझे अपना दोस्त नहीं मान सकते, तुम्हारे इरादे मुझे पाक और नेक चाहिए, अगर मैं होती बहन तुम्हारी, तो क्या यह क्रूर दृष्टि, किसी की तुम सह जाते, घूँट मेरे अपमान का पीकर रह जाते, अभी तो तुम बने हो मेरे शिकारी, ना समझो मेरा लड़की होना है लाचारी, कि अब है नारी की बारी, पड़ेगी तुझ पर हर बार भारी, अब ये अबला खुद तेरा शिकार करेगी, चल यहाँ से अब भाग बेटा शिकारी।। ©Saurabh Singh #नारी #सम्मान #Women #RESPECT #Poet #innervoice #Heart ❤️ #Poetry #a1ssr_eccentric #WritersSpecial