शुभ दीपावली फिर आई है दिवाली करने को इजहार | अपने नजारों से न करना इनकार | कब_कब तक टहलाओगी | कुछ बोलोगी या खामोश हो जाओगी। अब ना करना इन्कार । नही मिलेगा मौका ये बार बार | बस एक बार करलो प्यार | फीर नहीं रूठोगी हमें हैं इतना विश्वास | शुभ दिवाली | फिर आई है दिवाली करने को इजहार |अपने नजारों से न करना इनकार | कब_कब तक टहलाओगी | कुछ बोलोगी या खामोश हो जाओगी। अब ना करना इन्कार । नही मिलेगा मौका ये बार बार | बस एक बार करलो प्यार | फीर नहीं रूठोगी हमें हैं इतना विश्वास | शुभ दिवाली | #poetry #song #shayri Akshita Jangid(poetess) कुमार मुकेश