जगत है पाने को बेताब नारि के मन की गहरी थाह , किमये थी चिंतित और बेचैन मुझे भी कुछ दिन ऐसी चाह ,मगर उसके भी तन का भेद सका है अब तक कोई जान , मगर उसके भी मन का भेद सका है कोई अब तक जान ।। ©Rajesh Singh जयशंकर प्रसाद #TomAndJerryMovie