एक मौत और एक ज़िन्दगी मौत कभी ज़िन्दगी का खात्मा नही हो सकती एक रेख है बड़ी दूर से चलती चली आती है अनगिनत बिंदुओं को समेटे हुए स्पर्श करते,सहलाते, कुछ लेते कुछ देते हुए एक बिंदु पर ही हठात् ख़त्म कैसे हो जायेगी कहानी ज़िन्दगी तो रहेगी तेरे मेरे दरमियान कहानियां बन के हंसी और नसीहत बन के इक दूर का तारा बन के बिखर जाएंगे यूँ ही तेरे आसपास नज़र आएंगे यादों में बंद पलको की कोर पर थमे आसुओं में मौत ज़िन्दगी का दामन पकड़ के चलती है साथ साथ ,उम्र भर ज़िन्दगी जुदा मौत से क्यों हो जायेगी ©ख़ुश्क आँसू #ज़िन्दगी #मौत #दार्शनिक #philosophy of life #EveningBlush