ऐ शाम! थोड़ा ठहर ज़रा धीरे गुज़र वो आते होंगे बस दो पल तो सहर सूरज और चाँद हमसाये तो है पर कभी मिल नही सकते एक तू ही तो है जो उनका दीदार कराती और आँखों से होते हुए दिल को ठंडक पहुँचाती। ऐ शाम! बस थोड़ा ठहर। शाम धीरे-धीरे गुज़र, मुझको अच्छा लगता है ये सफ़र। #शामधीरेगुज़र #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #चाँद #इश्क़ #तुमनसमझोगे