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गुंचा-ए-शौक लगा है खिलने फिर तुझे याद किया है दिल

गुंचा-ए-शौक लगा है खिलने
फिर तुझे याद किया है दिल ने
दास्तानें हैं लब-ए-आलम पर
हम तो चुपचाप गए थे मिलने
मैंने छुपकर तेरी बातें की थीं
जाने कब जान लिया मेहफ़िल ने
अंजुमन अंजुमन आराइश है
आज हर चाप लगा है सिलने
फिर तुझे याद किया है दिल ने
गुंचा-ए-शौक लगा है खिलने

----- वजीह सीमा इरफानी  #writer #collab #poetry
#writerss #shayari #gajal #yqbaba  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Eram Siddiqui😍
गुंचा-ए-शौक लगा है खिलने
फिर तुझे याद किया है दिल ने
दास्तानें हैं लब-ए-आलम पर
हम तो चुपचाप गए थे मिलने
मैंने छुपकर तेरी बातें की थीं
जाने कब जान लिया मेहफ़िल ने
अंजुमन अंजुमन आराइश है
आज हर चाप लगा है सिलने
फिर तुझे याद किया है दिल ने
गुंचा-ए-शौक लगा है खिलने

----- वजीह सीमा इरफानी  #writer #collab #poetry
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madhav1592369316404

Madhav Jha

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