आजकल पढ़ सब रहे है फिर भी कहते है कोई नहीं पढ़ता है अरे ध्यान से देखो कोई दूसरो की जिंदगी को पढ़ता है कोई किसी के बिंकहे अल्फ़ाज़ को कोई अपनी कहानी पढ़ता है तो कोई दूसरो की कहानियां बनाता है किसी को जिंदगी पढ़ा रही होती है तो किसी को उसके हालात आजकल पढ़ सब रहे है....... ,- प्रीती सिंह # Padhai