दिल ये दिलासा देगा तुम्हें, मेरी तरह फिर कोई चाहेंगा तुम्हें, कमबख्त वो भी जलेगा जुदाई की आग में, फिर एक शोला ना बुझेगा कभी, पहले मोहब्बत की बातें होगी, उनमें कसमें भी ढेर सारी होगी, धीरे-धीरे मोहब्बत नया रुख लेगी, फिर शुरू वहीं तकरारे होगी, एक दिन वो भी उबाएगा तुमसे, देखना यहीं है वो किस कदर रूठेगा तुमसे। दिल ये दिलासा देगा तुम्हें, मेरी तरह फिर कोई चाहेंगा तुम्हें, कमबख्त वो भी जलेगा जुदाई की आग में, फिर एक शोला ना बुझेगा कभी, पहले मोहब्बत की बातें होगी, उनमें कसमें भी ढेर सारी होगी,