गर मेरी आँखों से अश्क़ ढल गए रूह तड़प उठेगी ,गर मोहब्बत के खत जल गए रास्ते तूने ही तो बदले है हर दफा आज क्यो तेरे ये कदम थम गए गर मेरी आँखों से अश्क़ ढल गए ।। मुस्करा तू भी ना सकेगी उम्रभर बाद जुदाई के सुकुन ना मिलेगा कभी साथ खुद की बेवफाई के आज क्यो फिर से तेरे फैंसले बदल गए गर मेरी आँखों से अश्क़ ढल गए ।। दुआ है मेरी भी ये तेरे लिए उम्रभर तू रोये एक हमनवां के लिए मुझ पर सितम करने वाले क्यो आज तेरे ख्वाब खाक के मिल गए गर मेरी आँखों से अश्क़ ढल गए ।। मैं तो जी लूँगा गमो के शहर में भी मैं तो रो लूँगा बीते हुए लम्हों में भी क्यो आज तेरे चेहरे के रंग बदल गए गर मेरी आँखों से अश्क़ ढल गए ।। उम्र गुजार दूँगा तेरी बेवफाई में तू मुब्तिला ही रहन उम्रभर बेहयाई में आज क्यो तेरे सितम कम पड़ गए गर मेरी आँखों से अश्क़ ढल गए ।। ✍️imran ilahi #BreakUp गर मेरी आँखों से अश्क़ ढल गए रूह तड़प उठेगी ,गर मोहब्बत के खत जल गए रास्ते तूने ही तो बदले है हर दफा आज क्यो तेरे ये कदम थम गए गर मेरी आँखों से अश्क़ ढल गए ।। मुस्करा तू भी ना सकेगी उम्रभर बाद जुदाई के सुकुन ना मिलेगा कभी साथ खुद की बेवफाई के