**तुम्हारे कदमों की आहट पाकर
अचल भूधर भी कांप उठेंगे
जिधर चल देगा तूं दृढ़ निश्चयी बन
दुश्मन भी तेरे ओजस्वी व्यक्तित्व को भांप उठेंगें
इन तूफ़ानों की क्या बिसात जो तुझको डिगा सकें तुझको देखते ही दबे पांव भाग उठेंगें
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