लगी है जो बुरी आदतें अभी सारी छोड़ दूं। या इंतजार में तेरे शराब का एक घुंट ओढ़ लूं। सिरफिरा आशिक़ हूं मैं, जो तुझे पाने के लिए। मोहब्बत की सारी दिवारों को मैं यूंही तोड़ दूं।