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सुनो रूह अपनी बसी, गांव में है असल में तो अपन

सुनो रूह  अपनी  बसी,  गांव  में  है
असल में तो अपनी ख़ुशी, गांव में है।

सभी  झूठ  है  मुस्कुराहट   जहाँ  में
मग़र सच  यही  है  हँसी, गांव  में  है।

जिसे चैन इक पल नहीं हो कभी भी
वही बस  वही इक  दु:खी, गांव  में है

शहर से  निकलकर बसे  गांव में  हम
कसम  से कहें हम  सुखी, गांव में  हैं।

रजनीश कुमार झा। #rjpoetry #hindi_poetry #nojothindi 

#InspireThroughWriting
सुनो रूह  अपनी  बसी,  गांव  में  है
असल में तो अपनी ख़ुशी, गांव में है।

सभी  झूठ  है  मुस्कुराहट   जहाँ  में
मग़र सच  यही  है  हँसी, गांव  में  है।

जिसे चैन इक पल नहीं हो कभी भी
वही बस  वही इक  दु:खी, गांव  में है

शहर से  निकलकर बसे  गांव में  हम
कसम  से कहें हम  सुखी, गांव में  हैं।

रजनीश कुमार झा। #rjpoetry #hindi_poetry #nojothindi 

#InspireThroughWriting
rajnishjha9751

Rajnish Jha

New Creator