कुछ सोचकर हम चुप रहे पर अब नही , ज़िन्दगी बिन तेरे भी शायद ,इतनी बुरी नही । रूह को मेरी दिए, ना जाने कितने ज़ख्म, फिर भी चुप रहे, हाँ मगर रूह की रूह को हुई पीर, था ये गंवारा नही । कुछ सोचकर थे, हम चुप रहे पर अब नही , हाँ अब नही ।। दर्द अपनो का दिया सह सकते मगर, कोई अपनो को दर्द दे,ये मंजूर नही ।। #dard #nojoto #nojotohindi