Nojoto: Largest Storytelling Platform

कुछ सोचकर हम चुप रहे पर अब नही , ज़िन्दगी बिन तेरे

कुछ सोचकर हम चुप रहे
पर अब नही ,
ज़िन्दगी बिन तेरे भी 
शायद ,इतनी बुरी नही ।
रूह को मेरी दिए, ना जाने कितने ज़ख्म,
फिर भी चुप रहे, हाँ मगर
रूह की रूह को  हुई पीर,
था ये गंवारा नही ।
कुछ सोचकर थे, हम चुप रहे
पर अब नही , हाँ अब नही ।। दर्द अपनो का दिया सह सकते मगर, कोई अपनो को दर्द दे,ये मंजूर नही ।।

#dard #nojoto #nojotohindi
कुछ सोचकर हम चुप रहे
पर अब नही ,
ज़िन्दगी बिन तेरे भी 
शायद ,इतनी बुरी नही ।
रूह को मेरी दिए, ना जाने कितने ज़ख्म,
फिर भी चुप रहे, हाँ मगर
रूह की रूह को  हुई पीर,
था ये गंवारा नही ।
कुछ सोचकर थे, हम चुप रहे
पर अब नही , हाँ अब नही ।। दर्द अपनो का दिया सह सकते मगर, कोई अपनो को दर्द दे,ये मंजूर नही ।।

#dard #nojoto #nojotohindi