अरे जरूरत कहाँ रहा या है किसी को ,, अब किसी का,, यहाँ तो आज गले पङते व लगते ही है सिर्फ काबिलों का, देख कर भी नजरे आज उसे हकीकत व यकीनन ही नहीं देखती ,, जो बस जैसे, सिर्फ लाचारी और बेबसी में ही है जिन्दगी जीने वाला ,,।। ©Captain Priyanshu #bateinhakikatzindagiki R K Mishra " सूर्य "