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सफर में सफर का मज़ा न रहा, संग जो यार तेरा वफा न र

सफर में सफर का मज़ा न रहा, संग जो यार तेरा वफा न रहा।
ख्वाहिश थी तुमसे जी भर के बात करने की, और हुआ यूं कि तुम्हारी आवाज़ को तरसता रहा।

तुमसे मिलकर मोहब्बत में खोने लगे हम, होश आया तो दिल भी हमारा न रहा।
मुझे लिखनी थी किताब में मोहब्बत बेहिसाब, और मैं उम्र भर दर्द ही लिखता रहा।

तुम्हारे साथ को जीना चाहते थे हम, और हुआ यूं कि तुम्हारे हाथ पर भी हक हमारा न रहा।
तुम्हारी निगाहों में दुनिया देख ली थी हमने, अब देखने जैसा कोई नज़ारा न रहा।

बोझ तुम्हें हम लगने लगे तो बता दिया होता, यूं बेरुखी दिखाना भी अच्छा न रहा।
हम खुद तेरा हाथ छोड़ देते ए जान, तेरा बेवफाओं में नाम आना तो अच्छा न रहा।

वो चांदनी रातें और हम दोनों, तुझे क्या याद अब कुछ भी नहीं रहा।
दिल से तुम्हें निकालने की बात ही छोड़ो, हमारे पर्स से तुम्हारा तस्वीर निकाल नहीं रहा।

©PavaneshGautam #ZindagiTereRang

#Hopeless
सफर में सफर का मज़ा न रहा, संग जो यार तेरा वफा न रहा।
ख्वाहिश थी तुमसे जी भर के बात करने की, और हुआ यूं कि तुम्हारी आवाज़ को तरसता रहा।

तुमसे मिलकर मोहब्बत में खोने लगे हम, होश आया तो दिल भी हमारा न रहा।
मुझे लिखनी थी किताब में मोहब्बत बेहिसाब, और मैं उम्र भर दर्द ही लिखता रहा।

तुम्हारे साथ को जीना चाहते थे हम, और हुआ यूं कि तुम्हारे हाथ पर भी हक हमारा न रहा।
तुम्हारी निगाहों में दुनिया देख ली थी हमने, अब देखने जैसा कोई नज़ारा न रहा।

बोझ तुम्हें हम लगने लगे तो बता दिया होता, यूं बेरुखी दिखाना भी अच्छा न रहा।
हम खुद तेरा हाथ छोड़ देते ए जान, तेरा बेवफाओं में नाम आना तो अच्छा न रहा।

वो चांदनी रातें और हम दोनों, तुझे क्या याद अब कुछ भी नहीं रहा।
दिल से तुम्हें निकालने की बात ही छोड़ो, हमारे पर्स से तुम्हारा तस्वीर निकाल नहीं रहा।

©PavaneshGautam #ZindagiTereRang

#Hopeless