कौन हूँ मैं क्या हूँ मैं क्यूँ हूँ मैं, न समझ पाया मैं, सपने तो कुछ और हि थे पर क्या हो गया मैं, ये भी न समझ पाया मैं। चाहता था उड़ कर आसमानों को छूना मैं, पर किस तलाश मैं धस गया रेतों के पहाड़ों तले,न समझ पाया मैं। शायद कल रात हि सहम रहा था अपनी इन तन्हाइयों कि डरावनी सोच से मैं। पर आँखें खुलते हि नया रास्ता ले आतीं है, खेल है ये जिन्दगी का, क्यूँ न समझ पाया मैं। #shaayavita #aaryarahul #rahulkaushik #pain #vichaar #inspirational #sad