मैं हूँ सूखा पत्ता , वादा करो , गिर जाऊँ तो मुझे दबा देना, मेरी खाद बना लेना ........ वातावरण का है मुझपे कर्ज , चाहता हूँ कुछ कर्ज चुका ज़ाऊं , सांसें अपने हिस्से की ले चुका, कुछ सांसें दुनीया को भी दे जाऊँ एक एहसान मुझपे करना , अपना वादा निभा देना , मेरी खाद बना लेना , उस खाद से जो पौधा पनपे उसको बेशक मेरी याद बना लेना ... Sookha ptta