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प्रेम जहां पर ना खिले, स्वार्थ भाव जाग जाय, स्वार्

प्रेम जहां पर ना खिले,
स्वार्थ भाव जाग जाय,
स्वार्थ मिला ज्यों अंतर्मन से,
काल कोठरी खुल जाय ।
प्रेम मिले जब मन मंदिर से,
देवालय बन जाय,
खुद में खुदा मिला ज्यों ही,
धन्य ज़नम हो जाय....
"Happy Jaunpuri" #prem
प्रेम जहां पर ना खिले,
स्वार्थ भाव जाग जाय,
स्वार्थ मिला ज्यों अंतर्मन से,
काल कोठरी खुल जाय ।
प्रेम मिले जब मन मंदिर से,
देवालय बन जाय,
खुद में खुदा मिला ज्यों ही,
धन्य ज़नम हो जाय....
"Happy Jaunpuri" #prem