ख़ामोशी की सल्तनत में बाग़ी हुई हैं सांसे मिरी इश्क़ किया दिल ने धड़कने बग़ावत हैं कर रही जागीर तुम भी अपनी हिफाज़त में रखना हीर मजनूं हुआ हूँ मैं कि फितरत मुहब्बत है कर रही . धीर हीर