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उन्हें सब ख़बर थी लेकिन कहते हैं पता नही हैं, वो क

उन्हें सब ख़बर थी लेकिन कहते हैं पता नही हैं,
वो कहते हैं अब इसमें मेरी कोई खता नही हैं।

दिन रात केवल आंसु ही बहाते उनके सामने हैं,
वो कहते  हमें इस ज़ख्म की कोई वफ़ा नही हैं।

दिल पर हमारे हमेशा घाव पे घाव देते रहते हैं,
वो कहते रहे हमसे कि  इसमें कोई दगा नही हैं।

हमने कहा दर्द देना ही था तो इश्क क्यों करते हैं,
वो कहते हैं यूं इश्क करना कोई सजा नहीं है।

अपनी मुस्कान से वो सबको लुभाते रहते हैं,
वो कहते हैं ऐसे मुस्कुरा देना कोई अदा नही हैं।

©Meenakshi
  #mohabbat  R. S.