पल्लव की डायरी सजते ख्वाव प्यार हिलोरे मारता है में मन का राजा चाहतो की रानी चाहता हूँ हो वे पनाह मोहब्बते रब से ये ही चाहता हूँ इनायत करता रहूँ अपनी महबूबा का दिलो जान से चाहता हूँ निस्वार्थ हो कर अपना हर लमहा कुर्बान करना चाहता हूँ उसकी चाहत में अमित निशानी ताजमहल जैसा तोहफा पेश करना चाहता हूँ अपने प्यार को यादगार बनाने के लिये दो दिलो के मिलने का एक प्यार का मंदिर बनाना चाहता हूँ प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" प्यार का मंदिर बनाना चाहता हूँ #lovetaj