,,प्यार-इशक-मोहबत पर कविता,, ,, तुम,, अपना सम्पूर्ण तुम्हें सौप कर, जब लेती हूं सांस, तुम अन्दर भर जाते हो, छू लेते हो रूह को, और तब मैं नहीं रह जाती तुम हो जाती हूं, जैसे उतार फेंका हो खुद को, और दिख पड़ा हो मेरा अंतस,,,तुम,,, Ramsingh nag प्यार इश्क मोहब्बत पर कविता,,, #CalmingNature