हुस्न-ए-सूरत कुछ ज्यादा ही चमकीला है लगता है तुमने आज श्रृंगार किया है सत्यम श्रीवास्तव सिद्दीकगंज "मगरदावासी" Uska Didar #Husn #Shringar #Surat