नहीं दे सकते प्यार तुम अगर, तो तुम्हारी फ़िक्र का एहसान भी नहीं गवारा हमें। गुज़ारी थी पहले भी ज़िन्दगी तन्हाई में हमने, आगे भी नहीं चाहिए किसी का सहारा हमें। ~हिलाल हथ'रवी . ©Hilal Hathravi #sahara nhi chahiye.