दस्तक जो दिया है तुमनें ज़िंदगी में मेरी फ़हम ना थी इश्क़ की पहले कभी! अब जाना है हर रस्म-ओ-रिवाज़, मय-ए-इश्क़ सी घुल गयी हर साँस में मेरी! _Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "फ़हम" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको मैं अपने प्रोफाइल से testimonial करूंगा! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example: