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मैने दरवाजा खोला तो देखा कि वह बहुत देर तक बन्द क

मैने दरवाजा खोला तो देखा 
कि वह बहुत देर तक बन्द कमरे में
 बैठी हुई अपनी तकदीर को दोष लगाते
 हुए रो रही थी। 
बात सिर्फ इतनी सी थी । 
वह आगे पढ़ाना चाहती थी। 
घर में से किसी ने ताना मार दिया । 
कि ज्यादा पढ़ना और लिखना '
किस काम का बेटी हो तो करना
 तो चुल्हा और चौका ही है। 
बस यही बात दिल पर लग गई उसके
कमरा बन्द करके बैठ गई ।

©Shakuntala Sharma
  # मैने दरवाजा खोला तब वह बहुत दुःखी थी

# मैने दरवाजा खोला तब वह बहुत दुःखी थी #विचार

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