घिर गया हूँ कर्तव्यों के ऐसे मायाजाल में, की अंदर का बचपन कब मर गया पता ही ना चला ! दब गया हूँ परिपक्वता के ऐसे बोझ में, की एहसास कब घोंसले छोड़ गए, पता ही ना चला ! -गौरव राय (GuruSays) "पता ना चला " #sunrays #Best #Poetr👍😘yOnline #HumBolenge Empty Rapper 🎤 Harsha rajendra Wadiya indira