एक अनजान सफर हो तेरे साथ जो खत्म नही होता लाख कोशिश कर ली तन्हा समझा के दिल को अब यूँ अकेली ये ज़िन्दगी बसर नही होती अब ये ढलती ही नही क़ातिल ये अंधेरे ये रात जैसे... (गाना...) *कहना ग़लत ग़लत तो छुपाना सही सही क़ासिद कहा जो उसने ये बताना सही सही ये सुबहो सुबहो चेहरे गई रंगत उड़ी हुई काल रात तुम कहाँ थे बताना सही सही कहना ग़लत गलत तो छुपाना सही सही...... #yosimwrimo में रात के विभिन्न रूपों के बारे में लिखें। #येरातजैसे #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi