कुछ तुम ले गई,कुछ ज़माना ले गया जो रह गया था बाकी वो प्यार पुराना ले गया बाहर आकर देखो,आधा चाँद दिख रहा है आधा आसमाँ ने रख लिया है,आधा कोई दीवाना ले गया बेरूखी से न देखो,चले जाएँगे हम यहाँ से कुछ सादगी पे हम फ़ना थे,कुछ तेरा शरमाना ले गया कभी साथ बैठो तुम्हें ये बताएँ दूर से पूछते हो,क्या कहें,क्या छिपाएँ जुड़े हो हमसे बेशक पर उतरे अभी नहीं हो कुछ मजबूरियाँ तुम्हारी,कुछ मेरा हिचकिचाना ले गया कहाँ तलाश करोगे,तुम फिर से ज़िदंगी को मन के आँगन में आकर,कोई पंछी आबो-दाना ले गया... © trehan abhishek #hindipoetry #hindishayari #manawoawaratha #yqdidi #yqbaba #yqrestzone #yqastheticthoughts #lovestory