एक नया अफसाना फिर से शुरू हो जाए , जो है अभी खयालों में रूबरू हो जाए, कुछ और नहीं मानता ए खुदा तुझसे , पूरी ये बस मेरी आरजू हो जाए ।। विवेक #आरज़ू