नित्य घूमता है चक्र कर्म का ना छोड़ना तुम मार्ग धर्म का होंगे विचलन राह में तुम्हारे ना आना बहकावे में अधर्म के है नहीं सत्य वो मार्ग है सिर्फ भरम काl नित्य घूमता है -------- होगा हिसाब यहीं कर्मो का सभी का किया कर्म है चाहे कभी का कष्ट भोगोगे किए हर पाप का पाओगे पुण्य फल हर एक शुभ कर्म का करते रहो तुम आचरण धर्म का नित्य घूमता है -------- ll कर्म फल