शहीद हुए ,धरती मां के लाल थे भारत का सपूत, गौरव का फूल थे सीना तान के चलते थे अपने झण्डे को सलाम करते थे इंकलाब का नारा दिया, जो सबसे नियारा था जिन्दा है ,जो आज भी दिलो में दीपक की ज्योती की तरह जलते थे वीरो के वीर थे धरती मां के सिपाही थे जिये तो गर्व से थे,फांसी पर हंसते - हंसते कुर्बान हो गये थे अंग्रेजो को हाथ तक ना लगाने दिया था ,ऐसे वीर सपूत थे ऐसे वीर सपूत थे क्रान्तिकारी का तिलक लगाया क्रान्तिकारी का पहना चोला क्रान्तिवीर वो कहलाये ऐसे वीर सपूत थे झण्डे को हाथ में लिये धरती मां की धूल को मुट्ठी में भरे वो शान से कहते यह हमारा गर्व है भारत मां हमारी है टुकड़े टुकड़े कर अंग्रेजो ने भारत मां का सीना चीरा था इस पर हत्याचार करना बन्द करो लड़ना है तो हम से लड़ो छल से बार क्यों करते हो हम भी धरती मां के सपूत है जब तक हम है तब तक धरती मां पर आंच तक नहीं आने देंगे झण्डे को कभी गिरने ना देंगे भारत मां के सपूत है भारत को आजाद कर के ही रहेंगे सारा जमाना देखेगा और गर्व से कहेगा शहीद हुए वो भारत के वीर सपूत थे ऐसे वीर सपूत थे ऐसे वीर सपूत थे शत शत नमन करती हूं 💐🙏 स्वरचित पूजा शर्मा ©Pooja Sharma ऐसे वीर सपूत थे भारत मां के वीर थे #shaheeddiwas