न जाने मेरे शहर को क्या हो गया है । हवा से ज्यादा मन दूषित हो गया है। पत्थर के मकानो में रहते रहते दिल भी पत्थर का हो गया है । ना जाने कब हवा बदलेगी ना जाने कब दिल बदलेंगे ।। #शहर #प्रदुषण #december #sahar #nojotohindi #nojotoenglish