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कर अपना वजूद तलाशने की कोशिश कर कब तक अपनी

कर 
अपना  वजूद  तलाशने  की  
कोशिश कर 
कब तक  अपनी नाकामियों  पर  
रोता  रहेगा 
उठ,   कदम   बढ़ा  
मंज़िल  तलाश  कर 
आखिर  एक  ही  बार  
जीवन  मिलता  है 
जीने  के  लिए  भी  और  
प्रयोग  के लिए भी 
चल  उठ,  लक्ष्य  साध  
एकाग्रता  से 
आखिरी  प्रहार  कर 
फिर  सूरज  निकालेगा, 
 फिर  सुबह   होगी 
मंज़िल  तुम्हारे  कदमों  में  होगी
सुनहरे  कल  की  शुरुआत  कर..

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✍️Deepak.Kumar 'Deep'

©Deepak Kumar
  #kosish