आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा जिस्म का ज़ेहन से ही रिश्ता बिगड़ते देखा अब कैसे निभ पाएगी दिल दिमाग की यारी संग लहू के ये सवाल नसों में उमड़ते देखा #शायरी, आंखों से बिछड़ी नींद