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बाहर ढोल बज रहे, मन में शोर बहुत है, बांवरा मन क

 बाहर ढोल बज रहे, 
मन में शोर बहुत है, 
बांवरा मन कैसे समझे, 
ये बाहर का है या भीतर का शोर।

बाहर गरमी बहुत है, 
अंदर उदासी बहुत है,
जाने कैसे समझाऊँ,
 बाहर ढोल बज रहे, 
मन में शोर बहुत है, 
बांवरा मन कैसे समझे, 
ये बाहर का है या भीतर का शोर।

बाहर गरमी बहुत है, 
अंदर उदासी बहुत है,
जाने कैसे समझाऊँ,