दिन गुज़र जाता मसरूफी में तन्हा रात सताती है क्या करें सोचा पढ़ते हैं किताबें कोई उसमें भी तस्वीरें तुम्हारी क्या करें जो देखा चाँद खिड़की से मैंने तो की चकोर ने बातें तुम्हारी क्या करें सोचा ख़ामोशी से बैठें बंद कमरे में कम्बख़्त दीवारों ने भी पुकारा नाम तुम्हारा अब बताओ क्या करें #बदनाम शायर ©Ravi Malik Dayal "दीप, Goswami.. Jasmin sultana. #Nojoto #Hindi #Yaad #BadnamShayar