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White उस रोज करवट बदलने के साथ उसके सवाल भी बदलते

White उस रोज करवट बदलने के साथ
उसके सवाल भी बदलते कि 
मैं ऐसा क्यूं हूं।

झपकियां आंखों में रेत की चुभन सी मालूम होती उसे
हर झपकी के बाद उसका सवाल होता
क्या मुझे ऐसा होना चाहिए।

उसके ज़हन में एक भारीपन सा था
कुछ अफसोस था, कुछ शिकायतें थीं
कि आखिर हर दफा मैं ही क्यूं होता हूं।

©Khushi Singh #alone_quotes
White उस रोज करवट बदलने के साथ
उसके सवाल भी बदलते कि 
मैं ऐसा क्यूं हूं।

झपकियां आंखों में रेत की चुभन सी मालूम होती उसे
हर झपकी के बाद उसका सवाल होता
क्या मुझे ऐसा होना चाहिए।

उसके ज़हन में एक भारीपन सा था
कुछ अफसोस था, कुछ शिकायतें थीं
कि आखिर हर दफा मैं ही क्यूं होता हूं।

©Khushi Singh #alone_quotes