प्रेम रंग में रँगन को लाल गुलाबी बृज को ठाकुर, नंदलालो आयो भर टीको चंदन को, अंगे पीताम्बर भव सागर पार लगावन आयो पीचकारी में भरी के, वर अमृत सो बृज को ठाकुर, नंदलालो आयो मोर मुकुट बंशी वाले की जय ©Aashish Vyas #kavita #Shayari #hindishayari #festivalofcolours #Holi #Krishna #holi2021