क्यूँ, कब, कैसे, ये क्या हो गया? मेरा बचपन छूटा और में बड़ा हो गया... वो हंसी जो इस चेहरे पे हमेशा इठलाती थी आज आती तो है पर बस यूँही मुस्काती है रो लेते थे हम हर छोटी बात पर आज एक बूंद नहीं टपकती किसी एहसास पर वो रोना भी कुछ हल्का महसूस कराया करता था आज ये मुस्कान भी दिल पे बोझ सी लगती है यारों चेहरे पर कैसा एक चेहरा मैल सा हो गया मेरा बचपन छूटा और में बड़ा हो गया... #bachpan #life #school