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ज़िदगी में कोई गम नही है, उजाले से बड़ा तम नही है ।

ज़िदगी में कोई गम नही है,
उजाले से बड़ा तम नही है ।
रोज लड़ते है दोस्त चार---
कोई किसी से कम नहीं है ।

©दिलीप कश्यप कलमकार
   दोस्त शायरी

दोस्त शायरी

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