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मिलने को हो कितने रंग, भरते हो मन मे ये उमंग। ऐसी

मिलने को हो कितने रंग,
भरते हो मन मे ये उमंग।
ऐसी मिली है मुझे टोली,
दिव्य दुर्लभ पूरित टोली।।

योगेश कुमार मिश्र"योगी" मेरे मित्र.....
मिलने को हो कितने रंग,
भरते हो मन मे ये उमंग।
ऐसी मिली है मुझे टोली,
दिव्य दुर्लभ पूरित टोली।।

योगेश कुमार मिश्र"योगी" मेरे मित्र.....

मेरे मित्र..... #Poetry