बेरंग सी दुनिया अपने असली रंग दिखाती थी, कोई बात भी कहाँ आसानी से समझ आती थी। अब हर पतझड़ के पीले पत्ते भी पसंद हैं, हर बात समझ आती है,जैसे हर बात के पीछे अनूठा प्रसंग है। Challenge-165 #collabwithकोराकाग़ज़ आज फिर आपको दो विषय दिए जा रहे हैं कोलाब करने के लिए। तो बताइए समूह को कि इश्क़ से पहले और इश्क़ के बाद क्या होता है। दोनों विषय एक लेखक भी लिख सकता है या फिर एक विषय पर लिखकर दूसरे लेखक को आमंत्रित कर सकता है। कोई शब्द सीमा नहीं है और जितने चाहो कोलाब कीजिए और जितनी चाहो काॅमेंट। परन्तु जितने कोलाब उतनी काॅमेंट। (Font=Eczar=13)