हैजानी इक कसक सी, उठती है दिल में अपने बे कैफ और खलिश सी, रहती है दिल में अपने। हर दिन तड़प-तड़प कर, रातैं सिसक-सिसक कर, ऐ!मेरे दिल के रहबर!, मुश्किल से हैं गुज़रती ©Saad Balrampuri dudaee ka maza, Urdu hindi #candle Dhyaan mira