"न राग है, न आवाज है मेरे शब्दों में खामोशी का इलाज है मेरे शब्दों में किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं, निशाने पर समाज है मेरे शब्दों में बड़े-बडो़ं की पोल खोल तो दूं मगर, छोटे-बड़े का लिहाज है मेरे शब्दों में अश्लीलता परस्त आज के जमाने में, शर्मो हया और लाज है मेरे शब्दों में सच ही सत्य है, सच ही इबादत है, पुरखा और उनकी धरोहर है मेरे शब्दों में जल जंगल जमीन पुरखा जोहार preeti uikye 750 03/03/24 ©Gondwana Sherni 750 #RoadTrip जल जंगल जमीन