।। प्रेम की दीवानी ।। जितना भी देखूँ उसे एक पहेली से लगती है महफ़िल में भी वो जो अकेली सी लगती है विश्वास टूटा है वहीं , जब रिश्तों में थी कहीं भरोसे की राह चलने में ,अब सहमी सी लगती है रंग और भी है दुनिया मे, दूजे से अलग मन की छबि भी ख़ुद को प्यारी सी लगती है सुख-दुख ,मिलन-जुदाई, हार-जीत.. फूल ही तो है ज़िन्दगी भी तो बगिया की इक क्यारी सी लगती है कभी आओ इस तरफ़ तो सुनाये रिश्तों की कहानी बंधन की आग भी यहाँ तो सुहानी सी लगती है सौम्यता तो क्षणभंगुर है ,चंद पल की है निशानी प्रेम तो सदा अमर है ,दुनियां सदियों से है इसकी दीवानी @विकास ©Vikas sharma #Sunrise प्रेम की दीवानी