कैसे कहें कहना तो बडा़ मुश्किल है अब क्या बतायें बिन उसके रहना भी तो बडा़ मुश्किल है गुजारिश है गुलाम ही बना ले वो अपने हरम में जिंदगी ए शहंशाह होकर दर्द ए दिल सहना भी बडा़ मुश्किल है हरम-चार दिवारी आयुष कुमार गौतम कैसे कहें..........