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मेरे जज़्बातो से इस क़दर वाक़िफ है क़लम मेरी, मैं

मेरे जज़्बातो से इस क़दर वाक़िफ है क़लम मेरी,
मैं इश्क़ भी लिखना चाहूं तो इन्कलाब लिखा जाता है।

(शहीद-ए-आज़म भगत सिंह) #nation
मेरे जज़्बातो से इस क़दर वाक़िफ है क़लम मेरी,
मैं इश्क़ भी लिखना चाहूं तो इन्कलाब लिखा जाता है।

(शहीद-ए-आज़म भगत सिंह) #nation
saifkhan8336

saif khan

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